पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १७ (17)

पलाश कुसुम

कुसुम जल्द ही से सिर से दुपट्टा निकालकर टेबल पर फेका। बालों को उलझाकर, मोबाइल तकिये के नीचे छुपा लिया। नींद का नाटक करते हुए दरवाज़ा खोला। रुखसार बेगम अंदर आ कर गुस्से से बोली, “कहा थी?” कुसुम मन ही मन घबड़ा जाती है। “कही नहीं, सो रही थी।” रुखसार बेगम आँखे दिखाती है। कुसुम … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १६ (16)

पलाश और कुसुम

सच में उठक बैठक करने लगी कुसुम। पलाश को देखते हुए अचानक कुसुम को बहोत अच्छा लगने लगा। उसे किसी और के साथ देखकर इस इंसान का जलन, आँखों में गुस्सा, ये सब कुछ जैसे बता रहा हो,”पलाश तुझ से बहोत प्यार करता है कुसुम, इसीलिए तो किसी और के साथ देखकर सेह नहीं पाता।” … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १५ (15)

पलाश और कुसुम

पलाश के जाते ही कुसुम रोने लगती है। अशोक और शीला आगे आते है। अशोक कुसुम से कहता है, “अरे रो मत, अभी दिमाग गरम है, बाद में ठीक हो जाएगा।” कुसुम चुपचाप घर आ जाती है। रात को शब्बीर ने कहा, “कुसुम, सुना है गाँव में चांदनी रात बहोत खूबसूरत लगता है दिखने में, … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १४ (14)

पलाश और कुसुम

कुसुम के पिताजी अब्दुल हसनआज दुकान नहीं गए। वैसे उनके न जाने से कुछ खास फरक नहीं पड़ेगा। दो बावर्ची, चार कर्मचारी उनके होटल में काम करता है। वो सिर्फ कैश पर बैठते है। आज उनकी बड़ी बेटी मुन्नी शहर से आ रही है। साथ में उसका पति सईद और देवर शब्बीर आ रहा है। … Read more