पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – ५ (5)

पलाश और कुसुम

“दिल के बगीचे में फूल तो खिला, पर भवरे का पता नहीं” कुसुम की उदासी मिटाने के लिए शीला उल्टा सीधा गाना गा रही है। हिजल के पेड़ के नीचे आते ही शीला चुप हो जाती है। पलाश उसी को देख रहा है, कही सुन तो नहीं लिया ? कुसुम और शीला सिर झुकाकर चली … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – ४ (4)

पलाश और कुसुम

पलाश कुछ कहता नहीं। एक दिन नशा करने को न मिले तो कैसा लगता हैं ये सिर्फ वही लोग समझ सकते हैं जिन्हे नशे की आदत हो। बड़ी बड़ी आँखोंवाली ये लड़की पलाश की आँखों का नशा है। और आज पांच दिन हो गया न पलाश को वो दिखाई दी, न सुनाई दी, न कुछ। … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – ३ (3)

पलाश और कुसुम

ग्यारवी में पढ़नेवाली कुसुम डरते हुए चिट्ठी को हाथ में लेती है। सिर नीचे करके चुपचाप कॉलेज ख़तम करके घर की रस्ते पे चल परती है। इस वक़्त पलाश चौक पर हीजल के पेड़ के नीचे अपने दोस्त अशोक, रोहित और विकास के साथ गप्पे मरता हैं। रोज़ ऐसा ही होता है। क्या पता आज … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – २ (2)

पलाश और कुसुम

कुसुम बीती हुई बातों से निकलकर, चारों ओर देखती हैं, कॉलेज के कई स्टूडेंट्स इस रास्ते से जा रहे हैं, सबकी ध्यान कुसुम की तरफ ही हैं। सब लोग बार-बार मुड़कर देख रहे हैं, और इस बार-बार देखने का असली वजह है पलाश। गोरे बदन पर काली शर्ट, हट्टाकट्टा नौजवान, सभी की नजरें उन पर … Read more