पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १३ (13)

पलाश और कुसुम

पलाश कुसुम का हाथ पकड़कर झाड़ी के पीछे बैठ जाता है। कुसुम डर के मारे रो पड़ती है, “पिताजी को पता चला तो मार ही डालेंगे पलाश भईया।” पलाश के सीने में भी धक् धक् हो रहा है। वो कुसुम को पाना तो चाहता है, लेकिन इस तरह रात के अँधेरे में पकड़ा जाकर नहीं। … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १२ (12)

पलाश और कुसुम

पलाश झाड़ी के पास जा कर खड़ा हुआ है। कुसुम हिचकिचाकर आगे बढ़ती है, बगैर प्यार के एक लड़का और एक लड़की के रात को मिलने का क्या मतलब है? कुसुम को कोई मतलब वतलब पता नहीं, लेकिन पलाश के पागलपन में शामिल होना अच्छा लगता है, हाला कि डर भी लगता है बाद में। … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – ११ (11)

पलाश और कुसुम

ठीक रात के बाराह बजे पलाश आया। कुसुम के खिड़की के पास जाकर खटखटाकर खड़ा रहता है, फिर से खटखटाया, बारबार खटखटाता है, लेकिन कुसुम खोल नहीं रही है। कुसुम अँधेरे में खिड़की के तरफ देखती हुई बिस्तर पर लेटी हुई है। पलाश ने कहा था के वो आएगा, इसीलिए नींद नहीं आ रही थी। … Read more

पलाश और कुसुम की कहानी : एपिसोड – १० (10)

पलाश और कुसुम

शीला अपने बड़े भाई अशोक के साथ बहुत ही फ्री है। शाम को कुसुम ने जो बातें कहीं, उसने अपने भाई को कहा। अशोक तब ही पलाश को फ़ोन करता है। “घर कब आ रहा है?” “कल।” “कुसुम तेरे बारे में शीला से पूछ रही थी।” पलाश को यकीन नहीं आया, “क्या पूछ रही थी?” … Read more